नाम में क्या रखा है! नाम में क्या रखा है!
उपेक्षित अपनों के बीच उपेक्षित अपनों के बीच
रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे
सुबह जीवन की सार्थकता है... सुबह जीवन की सार्थकता है...
ग्राम्य राग-रंग ग्राम्य राग-रंग
अक्सर बड़े बेटे, घर की सीमाओं से बँधे रह जाते हैं। अक्सर बड़े बेटे, घर की सीमाओं से बँधे रह जाते हैं।